इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना ।
हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूल कर भी कोई भूल हो ना ।।
दूर अज्ञान के हो अँधेरे, तू हमें ज्ञान की रौशनी दे ।
हर बुराई से बचके रहें हम, जीतनी भी दे भली ज़िन्दगी दे ।।
बैर हो ना किसी का किसी से, भावना मन में बदले की हो ना ।
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना ।
हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूल कर भी कोई भूल हो ना ।।
हम न सोचें हमें क्या मिला है, हम ये सोचें क्या किया है अर्पण ।
फूल खुशियों के बांटें सभी को, सबका जीवन ही बन जाए मधुबन ।।
ओ.. अपनी करुणा को जल तू बहा के, कर दे पावन हर एक मन का कोना ।
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना ।
हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूल कर भी कोई भूल हो ना ।।
O God! Let my life
Be a window for your light,
To shine through and a mirror to reflect your love,
To every person I meet.
Thank you God for the world so sweet,
Thank you God for the food we eat,
Thank you God for the birds that sing,
Thank you God for everything.
We thank God for the trees and for every flower that grows,
We thank God for the stars and for the sun’s warm bright rays,
We thank God for watching over my work and play.
Jan - Gan - Man - Adhinayaka Jaya He
Bharat - Bhagya - Vidhata
Punjab - Sindh - Gujarat - Maratha, Dravida - Utkal - Bang
Vindhya - Himachala Yamuna - Ganga Uchhal jaladhi taranga,
Tava Subha Name Jage, Tav Subha Ashish Mange,
Gahe tava jaya gatha
Jan gan mangaladayak jaya he Bharat bhagya vidhata
Jaya he, jaya he, jaya he, jaya jaya jaya jaya he.
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी,
जिंदगी शम्मा की सूरत हो खुदाया मेरी,
दूर दुनिया का मेरे दम से अंधेरा हो जाए,
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए,
हो मेरा काम गरीबों की हिमायत करना,
दर्दमेदों से गरीबों से मोहब्बत करना,
मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझकों,
नेक जो राह हो उस रह पे चलाना मुझको।
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा,
हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलसिताँ हमारा।
सारे जहाँ से............
पर्वत वो सबसे ऊँचा हम साया आसमाँ का,
वो सन्तरी हमारा, वो पासबाँ हमारा
सारे जहाँ से.............
गोदी में खेलती हैं जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिसके दम से रशके जिना हमारा
सारे जहाँ से.........
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन हैं हिन्दोसितां हमारा।।......
सारे जहाँ से अच्छा से.......
वन्दे मातरम्........
सुजलाम, सुफलाम्,मलयज शीतलाम्
शस्य श्मायलाम् मातरम् वन्दे मातरम्
शुभ्र-ज्योत्सनापुलकितयामिनीम्।
फुल्ल-कुसुमित-द्रुम-दल शोभिनम्, सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां, वरदां मातरम्,
वन्दे मातरम्.............